खामोशी भी कभी बहुत कुछ कह जाती है
रोते हुए चेहरे पे मुस्कराहट छोड़ जाती है
जब साथ नहीं देता कोई, तब खामोशी साथ देती है
अकेलेपन में झुलस्ते मन को ठंडक दे जाती है
खामोशी बड़ी खूबी से दर्द का शोर खामोश कर जाती है
सुनती हूँ मैं अक्सर, इसके साथ घंटों बातें करती हूँ
जब भी रात में जगती हूँ अकेले, खामोशी को बाहों में ले लेती हूँ