अश्क छिपाना आ गया अब हमको भी जीना आ गया हसता था ज़माना हमपर अब हमको भी ज़माने पे हँसना आ गया गिर-गिरकर ही सही मगर अब हमको भी काँटों पे चलना आ गया Return to Main Page